उत्तराखंड

उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गौ वंश का संरक्षण की समीक्षा बैठक हुई

हरिद्वार।कलक्ट्रेट सभागार में उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेंद्र अणथ्वाल की अध्यक्षता में गौ वंश का संरक्षण की समीक्षा बैठक ली।

गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि गौ वंष को निराश्रित छोड़ने वाले और गौ वंष के साथ हत्या/क्रूरता करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस बहुत तेजी से कार्य कर रही है जो की सरहनीय है उन्होंने निर्देषित करते हुए कहा कि जो निराश्रित हुए गौ वंश छोड़ दे रहे हैं और क्रूरता कर रहे हैं, गौ हत्या हो रही है, पुलिस बहुत तेजी से काम कर रही है जो लोग पशुओं केसाथ क्रूरता कर रहे है उनके खिलाफ गैगस्टर की कार्यवाही सुनिष्चित की जाए। उन्होंने पशुओं का जन्म मृत्यु का रिकार्ड रखा जाए, यदि कसाई द्वारा कटान किया जाए तो उसका पोस्टमार्टम किया जाए। जो खामियां हैं जहां गौ शालाएं बननी है और अभी तक बनी नहीं है उस काम को तेजी लाने के निर्देश दिए, जो भूमि चिन्हित की गई है और उसे पर काम नहीं हुआ उसको अति शीघ्र काम करने के लिए कहा गया है और जो गो वंश सड़क पर रहता है घायल हो जाता है डॉक्टर तो पहुंच जाता है लेकिन उसको पहुंचाने के लिए साधन नहीं होता, नगर निकाय में थोड़ा बहुत मिल भी जाता है पर पंचायत में नहीं होता वह पंचायत को निर्देश दिए हैं कि वह कैटल कैचर की व्यवस्था करें जिससे कि घायल को गौशालाओं तक पहुंचा जा सके।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा डेयरी को बायलॉज किया जाए, पशु जन्म-मरण का रजिस्टर तैयार किया जाए, फोटोग्राफी द्वारा ट्रैकिंग की जाए। गौकशी करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही अमल में लाई जाए और जनपद मे गौकसी पर पूर्णतः अंकुश हो। निराश्रित गौ वंश को केवल पंजीकृत गौ सदनों एवं गौ शालाओं मे ही दिया जाए। किसी भी स्थिति मे गौ वंश को अजनबी व्यक्तियों एवं गैर पंजीकृत संस्थाओं के हवाले ना किया जाए, उन्होंने कहा कि अगली बैठक में बिन्दु पूर्ण होने चाहिए, जिससे सभी पालको एवं डेयरी पर अंकुश लगाया जा सके। जो भी नियम कानून शासनादेश है का पालन करते हुए कड़ी शक्ति से करवाया जाए सभी विभाग आपस में समनव्य स्थापित करके एनजीओ प्राइवेट सरकारी लोगों सभी मिलजुल कर इसमें सख्ती करनी है।

उन्होंने नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निराश्रित गौ वंश के संरक्षण हेतु भविष्य को ध्यान मे रखते हुए बड़ी गौ शालाओं के प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे जाए। केटल कैचर वाहन के लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन मे भेजे जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि फूड लाइसेंस केेे बिना एनओसी न जारी की जाए। मीट की दुकान में फूड सेफ्टी एक्ट का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। जनपद मे गौकशी रोकने के लिए हर थाने स्तर पर स्क्वाड टीम का गठन किया जाए।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार, प्रदेश सरकार, आयोग व जिला प्रशासन पूरा सहयोग कर रही है जो भी कार्य दिए गये हैं उसे पूर्ण करें।

इस अवसर पर सचिव पशु क्रूरता निवारण समिति कुलदीप सूर्यवंशी, उपाध्यक्ष पशु क्रूरता निवारण समिति अश्वनी शर्मा, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह, एमएनए रुड़की राकेश चंद्र तिवारी, पशु चिकित्साधिकारी डॉ डी.के. चंद्र, सीओ रूड़की नरेन्द्र पंत, बीडीओ मानस मित्तल, बीडीओ पवन सैनी, बीडीओ जोगेंद्र सिंह, सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, सीएसआई नगर निगम सुनीत कुमार, डीओ (फूड सेफ्टी)एम एन जोशी सहित गौ पालक उपस्थित थे।

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