उत्तराखंड

जनपद हरिद्वार में सीडीओ की अध्यक्षता में जूट उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कार्यशाला आयोजित

हरिद्वार । गत दिवस हरिद्वार के जिला मुख्यालय विकास भवन, रोशनाबाद में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे महोदया की अध्यक्षता में जूट आधारित गतिविधियों पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (जेसीआई) के जनरल मैनेजर श्री कल्याण कुमार मजूमदार और रीजनल मैनेजर (उप प्रबंधक) श्री कौस्तव राय विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जिला परियोजना प्रबंधक-ग्रामोत्थान परियोजना, श्री संजय सक्सेना ने किया।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हरिद्वार जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों की महिला समूहों द्वारा किए जा रहे जूट कार्यों को प्रोत्साहित करना और उन्हें कम कीमत पर कच्चा माल उपलब्ध कराना था। जनपद की सभी महिलाएं, जो एनआरएलएम और ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से जूट कार्य में संलग्न हैं, ने इस कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने अपनी समस्याएं और अनुभव जेसीआई की टीम के साथ साझा किए। साथ ही, स्वयं समूह सहायता सदस्यों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाकर जेसीआई की टीम से सुझाव और इनपुट प्राप्त किए, ताकि वे कम खर्च में उचित लागत पर अच्छा लाभ कमा सकें और बेहतर उत्पाद तैयार कर सकें।

कार्यशाला का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य जेसीआई की टीम से आदर्श सहकारिता की महिलाओं द्वारा मंगाई गई जूट फाइबर और फैब्रिक की आपूर्ति हेतु मूल्य निर्धारण पर चर्चा करना था। मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशानुसार, जूट गतिविधि को प्रोत्साहित करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए रॉ-मटेरियल (G-35, G-55, G-65 ग्रेड के जूट कच्चे माल) की आवश्यकता होती है। इसी क्रम में, विकासखंड लक्सर में एक जूट बैंक की स्थापना की जा रही है, जहां जूट से बनने वाले सभी उत्पादों का कच्चा माल और बने हुए उत्पाद उपलब्ध होगा। यह बैंक सहकारिता के माध्यम से न केवल हरिद्वार जनपद में, बल्कि प्रदेश के समस्त जनपदों में भी मांग के अनुसार आपूर्ति करेगा।

बैठक में जेसीआई की टीम ने कहा कि वह स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को गुणवत्ता, परीक्षण, रॉ-मटेरियल, और डिजाइनिंग आदि में पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। इसके अलावा, अत्याधुनिक मशीनों के उपयोग से एक केंद्रीकृत स्थान पर एक प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित किया जाएगा। जेसीआई ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इन उत्पादों की मार्केटिंग में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इस क्रम में, जूट गतिविधि में संलग्न सभी प्रशिक्षित महिलाओं को, जो समूह या सहकारिता में हैं, को ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना एवं एनआरएलएम द्वारा उद्यम स्थापना में वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा।

इस कार्यशाला में परियोजना निदेशक डीआरडीए श्री कैलाश नाथ तिवारी, समस्त सहायक प्रबंधक, वाईपी-केएम आईटी-ग्रामोत्थान परियोजना, बीएमएम लक्सर, विकासखंड लक्सर, रुड़की, नारसन और भगवानपुर की सीएलएफ पदाधिकारी एवं महिलाएं, गो-हेम्प के संस्थापक दंपत्ति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

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