उत्तराखंड

शिव ही आदि और शिव ही अनादि,:महामंडलेश्वर नवल किशोर दास

हरिद्वार ।भगवा त्रिशूल यात्रा देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा कर हरिद्वार पहुंची यह यात्रा प्रयागराज से शुरू हुई थी आज महामंडलेश्वर परम पूज्य नवल किशोर दास जी महाराज के पावन सानिध्य में यात्रा ने विधि विधान से सर्वानंद घाट पर मां गंगा की पूजा आराधना की त्रिशूल तथा शिवलिंग को स्नान कराया गया तत्पश्चात संतो तथा ब्राह्मणों को भोजन प्रसाद विस्तृत करने के साथ-साथ यह यात्रा काली मंदिर आचार्य महामंडलेश्वर परम पूज्य श्री कैलाशानन्द महाराज का पावन सानिध्य प्राप्त करने हेतु काली मंदिर पहुंची इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर परम पूज्य श्री नवल किशोर दास महाराज ने कहा भगवान शिव ही आदि है और भगवान शिव ही अनादि है इस सृष्टि की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई है और एक दिन उन्हें में समाहित हो जाना है अगर आप सौ मंदिर बना रहे हैं और उसके स्थान पर किसी प्राचीन पुराने टूटे-फूटे मंदिर का जीर्णोद्धार कर रहे हैं तो सौ मंदिर बनवाने और किसी एक टूटे-फूटे प्राचीन मंदिर का जीणोद्धार करने का फल एक सामान है इस प्रकार के पावन कार्य सनातन धर्म और हमारी सत्य निष्ठा को और अधिक प्रबल बनाते हैं इस यात्रा के संयोजक श्री दीप सिंहाग सियास माननीय श्री महिपाल झंडा शिक्षा मंत्री हरियाणा सहित तमाम साथियों का यह भगवा यात्रा प्रयास विश्व को हिंदुत्व तथा सनातन की एकता का संदेश देता है 25 जनवरी से यह यात्रा आरंभ होकर 25 मार्च को ताल कटोरा स्टेडियम दिल्ली पहुंचेगी श्री दीप सिंह सिंहाग ने बताया की 108 त्रिशूल हमारे देश के प्राचीन मंदिर जो किसी कारण से अनदेखी में दयानीय स्थिति में है उनका जीणोद्धार कर उन मंदिरों में एक-एक त्रिशूल स्थापित किया जायेगा शेष बचे 12 त्रिशूल सनातन को और अधिक प्रबलता प्रदान करने के लियें विदेश में बने मंदिरों में स्थापित किये जायेंगे देवभूमि भारत के कण-कण में देवत्व बसता है यह धरती देवों की पावन जननी धरती है इस सृष्टि में शिव ही अजन्मे है जिन्होंने माता के गर्भ से जन्म नहीं लिया इसीलिये शिव शून्य है जड़ भी शिव है और चैतन्य भी शिव है इस सृष्टि की उत्पत्ति उन्हीं से हुई है और एक दिन उन्हें में समा जाना है इस अवसर पर श्री नवीन नयन दामिनी जी कामिनी जी दीप सिंहाग सहित भारी संख्या में यात्रा के साथ चल रहे लोग मौजूद थे

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