हरिद्वार।
आज पूरे देश में सरकार और भाजपा दल की आेर से रानी अहिल्याबाई होल्कर की 30 जयंती को धूमधाम से मनाया जा रहा है। देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा समाज और सनातन धर्म के लिए किए गए कार्यों को कार्यक्रमों के माध्यम से जन—जन तक पहुंचाने का कार्य सरकार और भाजपा दल द्वारा किया जा रहा है। जिसमें बताया कि देवी अहिल्याबाई होल्कर ने महिलाओं के लिए बहुत सारे कार्य किये। इसके अलावा उन्होंने देशभर में करीब 35 मंदिरों का जीर्णोद्धार किया। जिसमें देश भर के द्वादश ज्योतिर्लिंग भी शामिल हैं।
देश भर के धार्मिक स्थलों पर उनके द्वारा धर्मशाआें व भवनो की भी स्थापना की गई। लेकिन बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है कि धर्मनगरी हरिद्वार में हरिकीपैडी के निकट ही देवी अहिल्याबाई होलकर ट्रस्ट की संपत्ति को भू माफियाओं द्वारा खुर्द बुद्ध करने का कार्य किया गया। जिसमें वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधिको को बढावा दिया जा रहा है। जिस समय भूमाफिया द्वारा देवी अहिल्याबाई होल्कर की सम्पति को खुर्द बुर्द किया जा रहा था उस समय इस दौरान पाल समाज से जुड़े कुछ लोगों और समाज सेवियों द्वारा तो विरोध किया गया। परन्तु धर्मनगर में देवी अहिल्याबाई होलकर के 30 की जयंती पर जितने चिंतक देखे गए। वह भक्त चिंतक उस समय उपलब्ध नहीं थे जब इस संपत्ति को खुर्द बुर्द किया जा रहा था। जबकि यह मामला कई वर्षों तक समाज के पटल पर रहा। इस संबंध में समाजसेवी जेपी बडोनी ने बताया कि जिस समय ट्रस्ट की संपत्ति को खुर्द करने का कार्य किया जा रहा था। उसे समय मध्य प्रदेश सरकार की आेर से सचिन लेवल के अधिकारी भी हरिद्वार पहुंचे थे। हम लोग भी उस समय होल्कर की सम्पति को बचाने के प्रयास में लगे थे। बताया कि तत्कालीन हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने भूमाफिया के साथ साठगाठ कर इस पूरी संपत्ति को खुर्द बुद्र्ध कराने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि वह स्वयं मध्य प्रदेश सरकार के उन अधिकारियों के साथ हरिद्वार रुड़की प्राधिकरण में गए थे। जहां मध्य प्रदेश के अधिकारियों द्वारा प्राधिकरण में अहिल्याबाई होल्कर ट्रस्ट की संपत्ति का बचाने की बात कही थी। आज इस ट्रस्ट की संपत्ति में व्यवसायिक प्रतिष्ठान चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री सहित केंद्र सरकार वह भाजपा को देवी अहिल्याबाई होल्कर की इतनी ही चिंता है तो वह देशभर में अहिल्याबाई होल्कर की संपत्तियां को एेतिहासिक धरोहर घोषित करें। उन पर कब्जा करने वाले भू माफिया और तत्कालीन प्राधिकरण के अधिकारी पर कार्रवाई करने का कार्य सरकार द्वाूरा किया जाना चाहि
