देहरादून। पुराने जिला अदालत परिसर पर रैन बसेरा बनाये जाने के विरोध में अधिवक्ताओं का धरना दूसरे दिन भी जा रहा।
मंगलवार को यहां बार एसोसिएशन के आहवान पर अधिवक्ता कार्य से विरत रहकर धरना दिया। अधिवक्ताओं का कहना था कि पुराने जिला जज कार्यालय परिसर की भूमि पर रैन बसेरा बनाये जाने का विरोध के साथ ही उक्त भूमि अधिवक्ताओं को आवंटित की जाये। अधिवक्ताओं का कहना था कि पुराने जिला जज वाली भूमि को अधिवक्ताओं को आवंटित की जाये तथा नये चौम्बर अधिवक्ताओं को सरकार के द्वारा बनाकर दिये जायें।
अधिवक्ताओं का कहना है कि नए जिला जज अदालत परिसर में लगभग पांच हजार वकील, टाइपिस्ट, स्टाम्प वेंडर और मुंशी सहित लगभग दस हजार लोगों के चेंबर निर्माण की आवश्यकता है लेकिन उन्हें केवल पांव बीघा भूमि लीज पर दी गयी है जो पर्याप्त नहीं है। इसलिए बार ने विवादित भूमि पर रैन बसेरा बनाने के बजाय चेंबरों का निर्माण करने की मांग रखी है। सम्पर्क करने पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया कि अधिवक्ता काफी समय से मांग कर रहे थे कि कचहरी पुरानी जेल परिसर में जा रही है। जिसमें अधिवक्ताओं के लिए चौम्बर बनाये जाने है। जिसके लिए प्रदेश सरकार को अधिवक्ताओं की स्थिति को ध्यान में रखते हुए चौम्बर बनाकर देने चाहिए। इसके साथ ही जिलाधिकारी पुराने कार्यालय की जमीन भी बार एसोसिएशन को आवंटित करनी चाहिए अपनी इन्हीं मांगों को लेकर आज अधिवक्ताओं ने दो घंटे कार्य से विरत रहते हुए धरना दिया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कल 11 नवम्बर को दोपहर एक बजे तक धरना दिया जायेगा। इसके पश्चात भी अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो कल के धरने के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर के पास धरना दिया।
धरने पर बैठने अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, दीपक कुमार, अजय त्यागी, राजेश ममंगाई, विजय भूषण पाण्डे, राकेश गुप्ता, राजवीर सिंह, गोविन्द राम, विपुल नौटियाल, चन्द्रशेखर तिवारी, संजीव शर्मा, गौरव कुमार आदि शामिल रहे।




