हल्द्वानी। क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन (कार्लोस) ने रविवार को काकोरी कांड की शताब्दी पर दमुवाढूंगा में विचार गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में लोगों ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। क्रालोस के मोहन मटियाली ने काकोरी कांड में शहीद रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला खां की भूमिका के बारे में बताया। वरिष्ठ पत्रकार दीप भट्ट ने कहा कि आजादी का प्रभाव इतना व्यापक था कि बॉलीवुड में भी क्रांतिकारी फिल्में बनीं। एडवोकेट बबीता ने संयुक्त पहल से अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया। स्वतंत्र पत्रकार उमेश विश्वास ने आजादी के नायकों के विचारों को आत्मसात करने की बात कही। वहीं अंबेडकर मिशन के जीआर टम्टा ने संविधान को हथियार बनाकर अधिकारों के लिए संघर्ष की बात कही। भाकपा (माले) के डॉ. कैलाश पांडे ने गरीबों को अतिक्रमण के नाम पर बेदखल करने की नीतियों की आलोचना की। इस दौरान प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी, जनवादी लोक मंच के योगेश, शिवदेव सिंह, विजय तिवारी, टीआर. पांडे आदि ने विचार रखे। गोष्ठी का संचालन मुकेश भंडारी और शेखर चंद्र ने किया। कार्यक्रम में अनुराग, अनीता देवी, रियासत अली, भुवन चंद्र, आकाश भारती, पंकज अंबेडकर, चंदन, योगेश, हिमानी, प्रकाश, उमेश पांडे आदि मौजूद रहे।




