देहरादून। बताया जा रहा है कि रविवार रात खिलाफ सिंह नेगी की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हुई और उन्होंने दम तोड़ दिया। जब खिलाफ सिंह नेगी साल 2021 में भारतीय सेवा में शामिल हुए थे तब पूरे गांव में जश्न का माहौल था। मात्र 21 साल की उम्र में उनका शहीद हो जाना पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी क्षति है। बेटे के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची वैसे ही कनोल गांव में मातम पसर गया। खिलाफ सिंह की मां, बेटे के चले जाने से बदहवास और बेहोशी की हालत में है। खिलाफ सिंह नेगी के पिता का तो इतना बुरा हाल है कि जब से उन्हें यह मालूम हुआ है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा, तब से वह एक ही जगह बैठे हुए हैं।
बताया जा रहा है के खिलाफ सिंह नेगी के परिवार वाले अपने बेटे के लिए लड़की देख रहे थे। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। खिलाफ सिंह नेगी के भाई कुंवर सिंह नेगी गोपेश्वर में ही कपड़ों की दुकान चलाते हैं। उनकी बड़ी बहन की शादी कुछ समय पहले ही हुई है। खिलाफ सिंह नेगी तब अपने परिवार में शादी में शामिल होने भी घर आए थे।
2021 में उत्तराखंड के ही लैंसडाउन में खिलाफ सिंह नेगी ने भारतीय सेवा ज्वाइन की थी। उनके शहीद होने की खबर के बाद आसपास के गांवों के लोग और उनके दोस्त यार खिलाफ सिंह नेगी के घर पहुंचने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि आज सुबह लखनऊ से उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव के लिए भेजा गया है। गांव के श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। आपको बता दें कि खिलाफ सिंह नेगी का इलाज पिछले 1 महीने से लखनऊ में चल रहा था। उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।