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अखंड दीप और माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी महोत्सव से पूर्व बैरागी द्वीप की पवित्र रज को करेंगे वंदन

हरिद्वार।
19 से 23 जनवरी 2२६ में हरिद्वार के बैरागी द्वीप में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तवावधान में भव्य शताब्दी महोत्सव मनाया जाना है। अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्म शताब्दी तथा युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा प्रज्वलित दिव्य अखंड दीप के प्राकट्य के 10 वर्ष और आचार्य श्री के साधना काल के 10 वर्ष पूर्ण होने का पावन अवसर पर होने जा रहा है। महोत्सव हेतु चयनित भूमि में ‘वसुधा वंदन (तीर्थ रज पूजन)’ का आयोजन किया जा रहा है।
4 दिसंबर को होने वाला वसुधा वंदन कार्यक्रम मुख्य अतिथि राज्यपाल गुरमीत सिंह जी तथा शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैल दीदी, अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डा. चिन्मय पण्ड्या गरिमामयी उपस्थिति सम्पन्न होगा।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में पत्रकारों में चर्चा करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डा. चिन्मय पण्ड्या ने बताया कि वर्ष 2२६ में इन तीनों महत्वपूर्ण दिव्य घटनाआें के शताब्दी वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। यह शताब्दी वर्ष केवल गायत्री परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए विचार क्रांति और अध्यात्मिक पुनर्जागरण का वर्ष होगा। उन्होंने बताया कि यह रज वंदन कार्यक्रम इसी विराट संकल्प का प्रथम चरण है। इस अवसर पर देश—विदेश से आए हजारों गायत्री साधक और कार्यकत्र्ता बैरागी द्वीप की रज (धूल) को माथे से लगाकर गुरुसत्ता के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा, समर्पण और संकल्प को दोहराएंगे।
युवा प्रतिनिधि ने बताया कि युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्यश्री ने अपनी महान तप और साधना ओं के माध्यम से विचार क्रांति अभियान की आधारशिला रखी थी। हरिद्वार की यह धरा अनेक ऋषियों और संतों की तपस्थली रही है और यहीं से पूज्य आचार्यश्री ने जन—जन के कल्याण के लिए युग निर्माण योजना का विस्तार किया। उन्होंने बताया कि यह समारोह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि इस महाभियान का शुभारंभ है, जो मनुष्य के जीवन में विचार क्रांति की अनेक संभावनाआें को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने बताया कि इस विराट आयोजन में शांतिकुंज और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रतिनिधिगण, देश—विदेश से अनेक परिजन, आध्यात्मिक क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति सहित अनेक स्थापित हस्ताक्षर सम्मिलित होंगे।

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