उत्तरकाशी। धराली में मंगलवार सुबह से ही रेस्क्यू टीमें खोज एवं बचाव कार्य में जुटी रही। हर्षिल, धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश लगातार जारी है। लेकिन मौसम के कारण हेली से रेस्क्यू शुरू नहीं पाया है। मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। वहीं खीर गंगा का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ गई है। हर्षिल घाटी में करीब एक घंटे हुई तेज बारिश के कारण आपदा प्रभावित गांव में खीर गंगा के जलस्तर बढ़ने से घबराए लोगों ने दूसरी पहाड़ी पर शरण ली। उत्तरकाशी जिले के nमें आई भीषण आपदा के एक सप्ताह बाद लापता लोगों का आंकड़ा बढ़ गया है। प्रशासन ने 42 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, जबकि एक लापता का शव बरामद हुआ है। प्रारंभिक आकलन में आपदा से 40 होटल, होमस्टे और रिजॉर्ट को नुकसान होने की बात सामने आई है।
धराली आपदा को एक सप्ताह का समय बीत गया है। भीषण आपदा से मलबे में दफन धराली बाजार में लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान बचाव व राहत कार्यों में जुटे हैं। शुरूआत में प्रशासन की ओर से आपदा में 15 लोग लापता होने बताया गया लेकिन अब 42 लापता लोगों की पुष्टि की है।
इसमें सेना के नौ जवान, धराली गांव के आठ, निकटवर्ती गांव के पांच, टिहरी जिले के एक, बिहार के 13, उत्तर प्रदेश के छह लोग शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल मूल के 29 मजदूरों के लापता होने की भी सूचना है। इसमें धराली क्षेत्र में संचार सेवा बहाल होने के बाद पांच मजदूरों से संपर्क हो चुका है। शेष 24 मजदूरों के बारे में ठेकेदारों से जानकारी नहीं मिल पाई है।
स्यूालकोट में नहीं खुली सड़क, उपजा राशन का संकट
चमोली। कर्णप्रयाग के देवाल ब्लॉक के सूयालकोट क्षेत्र को जोड़ने वाला देवाल-वान मोटर मार्ग 13 किलोमीटर पर सड़क धंसने तथा मलबा आने से 50 मीटर तक बाधित हो गया है। इसके चलते 100 मीटर लंबा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क बंद होने से यहां के 15 गांव पूरी तरह कट गए हैं और इन गांवों में खाद्यान्न संकट गहराने लगा है।
पिछले एक सप्ताह से यहां सड़क बंद है। प्रभावित गांवों में आटा और जरूरी सामान का स्टॉक खत्म होने लगा है। क्षेत्र में चीनी, नमक, तेल, गैस आदि की कमी भी हो रही है। देवाल-खला-मानमती सड़क, गोपेश्वर, चमोली, ल्वाणी, बागजी, डुंग्री, बांजनी समेत अन्य गांवों के 16 से अधिक गांव सड़क बंद होने से प्रभावित हैं। यहां 250 मीटर लंबी सड़क पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। पिछले सप्ताह से सूयालकोट से माल ढुलाई ठप पड़ी है। इस कारण से क्षेत्र में आटा खत्म होने लगा है। उदयपुर, सूयालकोट, मानमती, डुंग्री, बांजनी, ताली समेत कई गांवों में आटा नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकारी राहत सामग्री भी नहीं पहुंच पा रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र सड़क खोलने की मांग की है।ग्राम प्रधान पूनम सिंह ने कहा कि सड़क बंद होने के कारण राशन और जरूरी सामान की भारी कमी हो रही है। उन्होंने बताया कि सड़क के दोनों ओर मलबा हटाने का काम चल रहा है, लेकिन लगातार बारिश से काम प्रभावित हो रहा है। सड़क बंद होने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही सड़क खुलनी चाहिए।




