देहरादून। राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड दौरा निराशाजनक रहा। प्रधानमंत्री ने दौरे के दौरान उत्तराखंड के हित में कोई भी घोषणा न करके उत्तराखण्ड की जनता का अपमान किया है।
यह बात सोमवार को उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने कही। उन्होने कहा कि उत्तराखंड राज्य विगत कई वर्षाे से दैवीय आपदा के दंश से कराह रहा है उसके विकास के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किसी भी पैकेज की घोषणा न करना यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखण्ड राज्य की पीडा से कोई लेना देना नही है। 2025 के बरसात के मौसम मे आई दैवीय आपदा के बाद प्रधानमंत्री का उत्तराखंड राज्य का यह पहला दौरा था, बेहतर होता कि प्रधानमंत्री आपदा से तबाह हुए जनपदों के विकास के लिए यथोचित धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा करते, परन्तु ऐसा न करके प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य की सवा करोड जनता का उपहास उड़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व में भी जबकृजब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखण्ड आये। उन्होने हमेशा उत्तराखण्ड की उपेक्षा करने का काम किया है। राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य के हित में कोई भी घोषणा न करके निश्चित रूप से जनभावनाओं पर कुठाराघात करने का काम किया है।
डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में जबरन भीड़ जुटाने के लिए जिस प्रकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया वह भी किसी से छिपा नहीं है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास था कि जिस तरह उत्तराखंड की जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के 5 सांसदों को विजय दिलाई तथा 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में दो तिहाई से अधिक बहुमत देकर उत्तराखण्ड राज्य की सत्ता सौंपी उससे लग रहा था कि आपदा ग्रस्त राज्य की आपदा से तबाह हो चुकी परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड राज्य हित में केन्द्र सरकार की तरफ से कोई महत्वपूर्ण घोषणा करेंगें, परन्तु ऐसा न करके प्रधानमंत्री ने पुनः एक बार फिर उत्तराखण्ड की जनता को ठगने और छलने का ही काम किया है।




