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मुनिश सैनी की कुशल रणनीति के चलते अपनी पत्नी को ही हार से नहीं बचा पाए कांग्रेस के तीन बार के विधायक

विनय चौहान

कलियर विधानसभा के चार निकाय क्षेत्रों में भाजपा के पूर्व विधानसभा कलियर के प्रत्याशी मुनिश सैनी की कुशल रणनीति चलते तीन बार के विधायक अपने गढ़ रामपुर नगर पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी को ही हार से नहीं बचा पाए। यही नहीं रामपुर सहित कलियर और इमलीखेड़ा की सीटो पर भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। आपको बता दे कि कलियर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के लिए 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव खासी अहमियत वाले थे। दोनों बार भाजपा को कांग्रेस से सीधा मुकाबला करने का मौका मिला था। जहां कांग्रेस प्रत्याशी फुरकान तीसरी बार विधायक बने थे।अब जिस तरह के परिणाम इस विधानसभा क्षेत्र के निकायों के चुनाव में सामने आए है वे कांग्रेस के लिए बिल्कुल अच्छे साबित नहीं हुए । जिसको लेकर अब कांग्रेस के हौसले भी पस्त दिखाई दे रहे हैं। वही हारने के बाद भी कलियर विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी रहे मुनीश सैनी लगातार विधानसभा में सक्रीय राजनीति में बने हुए है। हालांकि विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने कभी प्रत्याशी को रिपीट नहीं किया, फिर भी दोबारा टिकट की उम्मीद लगाए बैठे मुनेश सैनी अपनी सक्रीय राजनीति के चलते शायद एक बार फिर भाजपा का चेहरा होगे ये कहना मुश्किल नहीं है। तीन बार के कांग्रेस विधायक की निकाय चुनाव में नाकामी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अच्छे संकेत नहीं है। वही मुनीश सैनी की सक्रीय राजनीति और कुशल रणनीति के चलते 2027 में मौजूदा विधायक की नाकामियों का सीधा फायदा भाजपा को ही होता दिखाई दे रहा है। अब देखना होगा कि यदि पार्टी 2027 में मुनेश सैनी को ही दूसरी बार प्रत्याशी बनाती है तो क्या वे इन परिस्थितियों को इतना अपने अनुकूल बनाने में कामयाब रहेंगे ये तो समय ही बताएगा।

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