उत्तराखंडराज्यसामाजिकस्वास्थ्य

नर्स से रजिस्ट्रार बने राम कुमार पर सरकार का कसने लगा शिकंजा*

-शिकंजे में फसने से बचने के लिए मार रहा हाथ पैर
-हरिद्वार के एक होटल में की अपने कारिंदों के साथ बैठक
देहरादून।
भ्रष्टाचार सहित कई अन्य मामलों में फसे नर्सिंग कॉलेज के रजिस्ट्रार-प्रधानाचार्य अब अपने बचने के लिए चारों तरफ हाथ पैर मार रहे हैं। सरकार,शासन से लेकर शिकायतकर्ता तक और नर्सिंग कॉलेजो में लगाए गए अपने कलिंदो के जारी अपने समर्थन में एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। बावजुद इसके इनके उत्पीड़न से त्रस्त शिकायतकर्ताओं की दृढ़ शक्ति व विभाग में विरोध व सरकारी तथा प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजो की नाराजगी इन पर भारी पढ़ती दिख रही है।
सूत्र बताते है 2005 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नर्स पद पर नियुक्त हुए राम कुमार शर्मा पर शासन का शिकंजा टाइट होता जा है। वैसे तो विभागीय स्तर पर इनके खिलाफ दर्जनों जांचें लंबित है लेकिन 20 फरवरी 2023 को सीएम पोर्टल पर छात्राओं द्वारा की गई शिकायत ने सरकार व शासन का ध्यान इनकी तरफ आकर्षित कर दिया है। बताते है कि इन्होंने पिछले कुछ ही समय में मानकों के विपरीत जाकर दर्जनों नए प्राइवेट नर्सिंग कालेजों खुलवा दिए है। जिससे लंबे समय से नियानुसार चल रहे प्राइवेट नर्सिंग कालेज प्रबंधन भी राम कुमार की कार्यशैली से नाखुश है। इस सम्बंध में नर्सिंग कालेज प्रबंधन मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से भी मिला है। बताते है कि विभाग में इनकी हनक के चलते बड़े बड़े अधिकारी सीधे तौर पर इनसे उलझना नही चाहते,लेकिन इनके खिलाफ अब इतने मामले प्रकाश में आ रहे है कि कोई चाह कर भी इन्हें बचा नही पा रहा। आपने पाप का धड़ा भरते देख अब रामकुमार शर्मा नए नए हथकंडे अपना रहा है। सूत्रों की माने तो उच्च स्तरीय जांच के प्रारम्भ होने से भयभीत राम कुमार अब अपने कलिंदों के जरिये अपने को बचाने की रणनीति बना रहा है। बताते है कि प्रदेश भर के विभिन्न नर्सिंग कालेजों में अपनी लगाई फैकल्टी के जरिये यह प्रबंधन पर दबाव बनवा रहे है। अभी हाल ही में इनके द्वारा हरिद्वार के एक होटल में इनकी कृपा से खुले कुछ नर्सिंग कालेज प्रबंधनों से करीब 3 घण्टे वार्ता चली। बताते है यही से अपने बचाव का रास्ता राम कुमार निकलने प्रयास कर रहे है। वही इन्होंने अपना बचाव करते हुए सरकार, शासन, स्वास्थ्य निदेशालय के कई बड़े अधिकारियों को भी मोहरा बनाया जा रहा है, बड़े अधिकारियों को गुमराह व भृमित कर यह अपने खिलाफ होने वाली सभी जांचों को प्रभावित कर लेता है।
सूत्रों की माने तो इनकी शिकायतों का पुलिंदा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत के सामने भी खुल गया है। जिसका संज्ञान लेते हुए इनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के आदेश देते हुए उच्च स्तरीय जांच प्रारम्भ हो चुकी है।

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