देहरादून। सिविल जज सीडी/सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून ने अवगत कराया है कि कि उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशों के क्रम में पत्र 09 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अधिक से अधिक वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित किये जाने का लक्ष्य है। लोक अदालत में फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एन.आई. एक्ट से सम्बन्धित वाद, राजस्व सम्बन्धित वाद, विद्युत एवं जलकर बिलों के मामलें (अशमनीय मामलों को, वेतन-भत्तों एवं सेवानिवृत्ति से सम्बन्धित वाद,मोटर दुर्घटना प्रतिकर सम्बन्धित वाद, वैवाहिक / कुटुम्ब न्यायालयों के वाद (विवाह विच्छेद को छोड़कर), धन वसूली से सम्बन्धित वाद, श्रम सम्बन्धित वाद, भूमि अर्जन के वाद,दीवानी वाद, अन्य ऐसे मामले जो सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित हो सके। निस्तारित किए जायेंगे। अतः जो पक्षकार अपने वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित करवाना चाहते है, वह सम्बंधित न्यायालय, जहाँ उनका मुकदमा लम्बित है, में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थनापत्र देकर अपने वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के लिये नियत करवा सकते हैं। उक्त लोक अदालत में आपसी रजामन्दी से वादों का निस्तारण किया जाता है तथा काफी कम खर्चे व समय पर वाद निस्तारित हो जाते हैं, जिससे समाज का गरीब वर्ग भी अपने वादों को सौहार्दपूर्ण वातावरण में निस्तारित कर लाभान्वित होते हैं। लोक अदालत में निस्तारित वादों में पक्षकारों को यह भी फायदा मिलता है कि न्याय शुल्क वापस हो जाता है तथा इसका फैसला अंतिम होता है।