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हिन्दू रक्षा सेना ने की मांग,सन्त को ही हरिद्वार लोस से मिले टिकट

हरिद्वार।(सचिन पालीवाल)।
हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जूना अखाड़े के संत स्वामी प्रबोधानंद जी एवं बाबा हठ योगी जी महाराज ने आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता कर हरिद्वार से साधु संतो के लिए टिकट की मांग की।

बाबा हठ योगी जी ने कहा गत दिनों पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने एक प्रेसवार्ता के जरिए कहा हरिद्वार से साधु संतो को चुनाव का टिकट नहीं मिलना चाहिए। बाबा हठ योगी जी ने कहा 2009 में भी हमने लाल कृष्ण आडवाणी जी से हरिद्वार से साधु संतो के लिए टिकट की मांग की थी लेकिन उन्होंने उन्होंने हमारी बात नहीं मानी तो हमने हरीश रावत को जितवा दिया। अब हम दोबारा मांग कर रहे हैं इस चुनाव में हरिद्वार से साधु संत को ही दावेदार बनाया जाए।
उन्होंने आगे कहा अब जबकि भगवान ने स्वामी चिन्मयानंद जी दोष मुक्त कर दिया है तब वे साधु संतो के पक्ष में नहीं बोल रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश की स्तिथि देख लीजिए पहले वहां जंगल राज था लेकिन अब एक संत ही उसे संभाल रहा है।
पहले उत्तर प्रदेश में किसी के भी घर में कब्जा हो जाता था, बहु बेटी सुरक्षित नहीं थी, लॉ एंड ऑर्डर था ही नहीं लेकिन जबसे वहां योगी जी आए हैं वहां सब कुछ ठीक है। हम चाहते हैं हरिद्वार से को भी साधु संत जीत कर आए वह हरिद्वार धर्म नगरी की बात संसद में रखे। जब भी कोई मेला आता है यहां की व्यवस्था खराब हो जाती है। हम चाहते हैं ऐसा साधु संत हो जो यहां की व्यवस्था ठीक करे यहां का माहौल ठीक करे।
किसी के नाम के अनुमोदन पर दोनों संतों ने कहा संत ऐसा हो यहां का जो राजनीतिक समझ रखता हो जो यहां का परिवेश जनता हो।
दोनों संतों ने संयुक्त रूप से अपने व्यक्तव्य में कहा अखाड़ों की यह जिम्मेदारी होनी चाहिए जिसे भी वे संत बना रहे हैं पहले उसकी भलीभांति जांच पड़ताल कर लें। पुलिस वेरिफिकेशन करा लें कहीं वह व्यक्ति किसी अपराधिक प्रवृत्ति का तो नहीं उसके खिलाफ कोई अपराधिक मामला तो नहीं लेकिन अखाड़े आजकल ये सब प्रक्रिया नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा जो भी अखाड़ों में पैसा देता है उसे महामंडलेश्वर बना दिया जाता है। चाहे उसे धर्मशास्त्रों का ज्ञान ही ना हो।
दोनों संतों ने अखाड़ों से आग्रह करते हुए कहा जिसे भी आप साधु संत बना रहे हैं पहले उसकी जांच कर लें वह कौन है उसका गुरु कौन है अन्यथा ऐसे किसी भी इंसान को अखाड़े में प्रवेश की अनुमति ना दें।

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