देहरादून। उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचाई हुई है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक जन जीवन अस्तव्यस्त है। सोमवार की रात और मंगलवार की सुबह राज्य में बहुत तबाही हुई है। देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग और हल्द्वानी से दहलाने वाली खबरें सामने आई हैं। विकासनगर में सोमवार देर रात्रि को 15 जिंदगियां सैलाब के बीच फंस गईं। इन लोगों को एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने जान जोखिम में डालकर बमुश्किल सकुशल रेस्क्यू किया। इस दौरान सैलाब में बहने से बेहोश हुई एक युवती को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। युवती का उपचार किया जा रहा है।
यह घटना प्रेम नगर क्षेत्र की नदियों में अचानक आए पानी के सैलाब के चलते सामने आई है। बताया जा रहा है कि सेलाकुई में स्थित फैक्ट्री से काम खत्म कर 10 फैक्ट्री कर्मी देर शाम करीब 7ः30 बजे स्वर्ण नदी पार कर अपने घरों की ओर लौट रहे थे। यह लोग नदी के बीच की पहुंचे ही थे कि बरसाती नदी में अचानक बाढ़ आ गई। फैक्ट्री कर्मी इस बाढ़ में फंस गए। कर्मचारियों के बाढ़ में फंसने की खबर पाकर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से इन लोगों को बाढ़ से बाहर निकाला। इस दौरान एक युवती बाढ़ में बहकर बेहोश हो गई। उसे किसी तरह बचाया गया। युवती का अस्पताल में इलाज चल रहा है। दूसरी ओर प्रेम नगर और झांझरा में दो अलग-अलग जगह आसन नदी में पांच लोग तेज सैलाब के बीच फंस गए। यहां पर एक व्यक्ति तो किसी तरह बाहर निकाला गया। अन्य लोग को बीच टापू में फंस गए। इन लोगों को पुलिस और एसडीआरएफ की टीम द्वारा सकुशल रेस्क्यू किया गया।
पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश लोगों के लिए आफत बनती जा रही है। शिवपुरी के बडल गांव में भारी बारिश के चलते करीब 40 साल बाद बरसाती नाला उफान पर आ गया। नाले की चपेट में आने से एक कैंप भी बह गया। इस दौरान कैंप में मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में जान बचाने के लिए भागा एक कर्मचारी बरसाती नाले में बह गया। इस कर्मचारी का शव कैंप कर्मचारियों को सुबह मिला। कैंप संचालक रामपाल सिंह भंडारी ने बताया कि उनकी उम्र 40 वर्ष है। उन्होंने कभी भी इस बरसाती नाले में ऐसा पानी का बहाव नहीं देखा था। ऐसा महसूस होता है कि पहाड़ में कहीं बादल फटा है। जिससे बरसाती नाले में ऐसा सैलाब आया है। कैंप बहने से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। एक कर्मचारी की मौत हो गई है।