Breakingउत्तराखंडउत्तराखंडक्राइमराजनीतिराज्य

हरिद्वार भूमि घोटाने की जांच आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल को सौंपी

देहरादून। इस्तीफा देने के बाद आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल का नाम फिर सुर्खियों में आ गया है। प्रदेश सरकार ने हरिद्वार भूमि घोटाले की जांच के लिए विजिलेंस की पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है, जिसकी जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल को दी गई है। उत्तराखंड गृह सचिव शैलेश बगौली ने गुरुवार को ही हरिद्वार भूमि घोटाले में विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए थे।
जांच आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने हरिद्वार भूमि घोटाले के लिए टीम गठित की गयी। इस टीम को एसपी रचिता जुयाल लीड करेंगी। उनके साथ चार और अधिकारी जोड़े गए हैं।
गौरतलब है कि रचिता जुयाल ने बीते दिनों पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था, जिसे सरकार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। इसी बीच सरकार ने रचिता जुयाल को हरिद्वार भूमि घोटाले की जांच की जिम्मेदारी दे दी है। रचिता जुयाल साल 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं।
बीती 3 जून को हरिद्वार जमीन घोटाला उस समय चर्चाओं में आया जब सरकार ने इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी के अलावा एक आईएएस और एक पीसीएस अधिकारियों को सस्पेंड किया. हरिद्वार जमीन घोटाले में कुल 12 अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरी है। इसके बाद ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की विस्तृत जांच के लिए विजिलेंस का आदेश दिया था, जिसको लेकर गुरुवार को आदेश जारी हुआ।
साल 2024 में हरिद्वार नगर निगम ने सराय गांव में करीब 33 बीघा जमीन खरीदी थी। इस जमीन की मार्केट वैल्यू करीब 13 करोड़ है, लेकिन अधिकारियों ने इस जमीन को 143 (कृषि भूमि को अकृषि) में बदलवाकर, उसे 54 करोड़ में खरीदा। इस मामले की जांच सचिव रणवीर सिंह चैहान को दी गई थी।
सचिव रणवीर सिंह चैहान की जांच में कई अधिकारियों की लापरवाही सामने आई थी। सचिव रणवीर की जांच रिपोर्ट पर ही 3 जून को सरकार दो आईएएस और पीसीएस समेत सात अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया था। इससे पहले ही पांच अधिकारियों पर सरकार एक्शन ले चुकी है. वहीं अब विजिलेंस मामले की विस्तृत जांच करेंगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button