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अंकिता हत्याकांड में फैसला आने के बाद राजनीति शुरू,कांग्रेस ने बताया अधूरा न्याय

देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया है। जिसमें कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अंकिता भंडारी हत्याकांड पर तीन साल बाद आये फैसले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। जहां हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस फैसलों को न्याय बताया है, वहीं, कांग्रेस ने इसे अधूरा न्याय बताया है।
हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अंकिता भंडारी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा इस मामले में भले ही थोड़ा सा देरी हुई है लेकिन फैसला आ गया है। उन्होंने कहा अंकिता भंडारी की हत्या के बाद उत्तराखंड ही नहीं देशभर में आक्रोश था। यह मामला बेहद चर्चित रहा. आज तीनों आरोपियों को कोर्ट ने सजा देकर परिवार को न्याय देने का काम किया है। उन्होंने कहा फैसले से एक बार फिर न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है। कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर पोस्ट किया. हरीश रावत ने लिखा अंकिता हत्याकांड पर आखिर फैसला आ गया। जिसमें तीनों दोषियों को आजीवन कारावास हुई है। हरीश रावत ने लिखा वे इस मामले में फांसी की सजा की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने कहा यह राज्य सरकार के अभियोजन पक्ष की कमी है कि उन्होंने उस वीआईपी को बचाने में सफलता पा ली जो इस हत्याकांड का एक बड़ा गुनहगार है। इस मामले में लोगों का भी कहना है कि इस मामले को सत्ता पक्ष ने पहले ही दिन दबाने का भरपूर प्रयास किया और वह उसमें कामयाब भी रहे। रिजार्ट के सीसीटीवी कैमरे से कोई साक्ष्य न मिलने व रातों-रात अंकिता के कमरे में भी बुलडोजर चलाकर साक्ष्य मिटा दिए गए जांच टीम आरोपियों के मोबाइल तक बरामद नहीं कर सकी। जिसके कारण इस मामले में पूरा इंसाफ नहीं हो सका।

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