उत्तराखंड

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में अचानक पहुँचे पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री खलीलुर्रहमान रमदे


हरिद्वार। शहीद भगत सिंह को दी गई फाँसी के लिए पाकिस्तान लाहौर हाईकोर्ट में चले मुकदमे के ट्रायल को गुरुकुल कांगड़ी को उपलब्ध कराने वाले श्री रामदे देहरादून के एक निजी महाविद्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। रामदे लौटते हुए गुरुकुल में पाकिस्तान से 2012 में आए लक्ष्मण शर्मा के निवास पर पहुँचे।
लक्ष्मण शर्मा की पत्नी श्रीमती रेती देवी को श्री रामदे अपनी पुत्री ही मानते हैं। गुरुकुल के सुरम्य वातावरण को देखकर उन्होंने कहा कि विश्व में ऐसी शिक्षा संस्था और कहीं नहीं है।यहाँ की शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के द्वारा किए जा रहे शोध पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह संस्थान स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज के समय से ही देश दुनिया को प्रेरणा देता आया है।
उन्होंने भगत सिंह के विषय में बोलते हुए कहा कि भगत सिंह भारत के ही नहीं वे तो तत्कालीन संपूर्ण हिंदुस्तान के नायक थे। जिन्होंने अपने बलिदान से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नई जान फूँक दी थी।वर्तमान भारत के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भगत सिंह का ऋणी रहेगा।

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