उत्तराखंड

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक दिवसीय जेंडर संवेदीकरण एवं पोश अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया

हरिद्वार । अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विकास भवन में एक दिवसीय जेंडर संवेदीकरण एवं पोश अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंम मुख्य अतिथि जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने दीप जलाकर किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सभी को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाए अपने कर्तव्यों से भली भाँति परिचित हैं, लेकिन महिलाओं को सजग होकर अपने अधिकारों को भी जानना होगा। उन्होंने कहा कि किस तरह से आप अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती हैं, किसी भी चीज को करने से पहले उसका जाना जरूरी होता है, चाहे स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा की बात हो हर चीज का जानना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि नॉलेज इस पावर। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जितनी जानकारी होगी तो उतनी ही आप अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि महिलाए सभी उद्देश्य एवं लक्ष्यों को हासिल करने में सफल हो रही है। उन्होंने कहा कि आप लोग यहां से ज्ञान की ज्योति लेकर जाएंगे इससे दूर-दूर तक फैलाएं, हम सब मिलकर इस समाज को एक समावेशी समाज बनाने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है, इनके माध्यम से यह संदेश गांव-गांव तक फैलेगा और हमारे देश की आबादी का आधे मानव शक्ति जो महिला है उन्हें आगे बढ़ने की सफलता देगी। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर रहे सीएलएफ, विभिन्न क्षेत्रों की सखियों तथा महिलाओं को प्राथमिकता से लोन उपलब्ध कराने वाले बैंक प्रबंधकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में चिकित्सा, पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल, पोश एक्ट आदि की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में परियोजना निदेशक के एन तिवारी, एपीडी नलिनीत घिल्डियाल आदि उपस्थित थे।

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